Thursday, February 26, 2009

MY MOTHER & FATHER

जिन्दा माँ - बाप की सेवा कर लो,

मृत्यु के बाद तर्पण करने से कोई फायदा नही ।

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हमारे माता पिता ही हमारे भगवान हे।

मन्दिर में भगवान नही हे वो तो हमारे माँ - बाप में ही हे।

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मातृभूमि, मातृभाषा ओर माँ कभी भूल नही पाओगे ।

इसलिए कंप्यूटर में भी ' मधर - बोर्ड ' हे ।

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आज हमारे देश में 'वृध्धा आश्रम' ओर 'गौ शाला'

हमारी संस्कृति के ऊपर कलंक हे।

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साधू संतो के ये देश में हम माँ बाप को

भूल के भगवान की तलाश में भटक रहे हे।

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आज हमारी भारतीय नारी " सास भी कभी बहु थी "

देख कर श्रवण की माँ बनने के लिए तैयार हे

मगर श्रवण की पत्नी बनने के लिए तैयार नही हे।

2 comments:

  1. very nice ap jo kar rhe wo apne des ke nagrik ke liye gorav ki bat he me ap ke is abhiyan me pura sath dunga ap muje jante hoge me yes class me lacture dene aye the me vaha pe tha me c.a banna chahta hu ok by

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